देहरादून: उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड ने राजधानी देहरादून में मेट्रो का प्रस्ताव तैयार किया था, जिस पर राज्य सरकार से मुहर लगने के बाद केंद्र को भेज दिया गया है। अगर केंद्र से भी इसे हरी झंडी मिलती है तो साढ़े तीन साल बाद देहरादून में मेट्रो नियो दौड़ने लगेगी। बता दें कि यह प्रोजेक्ट करीब 1600 करोड़ का है।
उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूकेएमआरसी) की ओर से सबसे पहले देहरादून में दो रूटों पर मेट्रो नियो का संचालन किया जाएगा। UKMRC ने माना है कि 2026 तक आईएसबीटी से गांधी पार्क के बीच रोजाना 88 हजार 215 लोग सफर करेंगे। 2041 तक इनकी संख्या एक लाख 20 हजार 337 प्रतिदिन और 2051 तक एक लाख 47 हजार 302 प्रतिदिन पहुंच जाएगी।
UKMRC ने माना है कि 2026 तक एफआरआई से रायपुर के बीच 92 हजार 679, साल 2051 तक एक लाख 48 हजार 190 यात्री रोजाना मेट्रो नियो से सफर करेंगे। दून में वैसे तो भीड़भाड़ में आपका वाहन 40 की स्पीड से आगे नहीं बढ़ पाता लेकिन मेट्रो नियो 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आपको अपने गंतव्य तक पहुंचाएगी। आईएसबीटी से घंटाघर रूट को तैयार करने के लिए यूकेएमआरसी को 1.58 हेक्टेयर सरकारी और 1.18 हेक्टेयर निजी भूमि के अधिग्रहण की जरूरत होगी। जबकि एफआरआई से रायपुर रूट पर यूकेएमआरसी को 5.08 हेक्टेयर सरकारी और 1.38 हेक्टेयर निजी भूमि के अधिग्रहण की जरूरत होगी। जबकि निर्माण कार्य के दौरान करीब आठ हजार स्क्वायर मीटर जगह अस्थायी तौर पर चाहिए होगी।
यह हैं दो रूट…
आईएसबीटी से गांधी पार्क : 8.523 किलोमीटर (10 स्टेशन)
FRI से रायपुर : 13.901 किलोमीटर (15 स्टेशन)
आईएसबीटी से घंटाघर के बीच स्टेशन : आईएसबीटी, सेवला कलां, आईटीआई, लालपुल, चमनपुरी, पथरीबाग, देहरादून रेलवे स्टेशन, देहरादून कचहरी, घंटाघर और गांधी पार्क।
एफआरआई से रायपुर के बीच स्टेशन : एफआरआई, बल्लूपुर चौक, आईएमए ब्लड बैंक, दून स्कूल, मल्होत्रा बाजार, घंटाघर, सीसीएमसी, आराघर चौक, नेहरू कालोनी, विधानसभा, अपर बद्रीश कालोनी, अपर नत्थनपुर, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, हाथीखाना चौक और रायपुर।
आपको बता दें कि मेट्रो नियो सिस्टम रेल गाइडेड सिस्टम है, जिसमें रबड़ के टायर वाले इलेक्ट्रिक कोच होते हैं। इसके कोच स्टील या एल्युमिनियम के बने होते हैं। इसमें इतना पावर बैकअप होता है कि बिजली जाने पर भी 20 किलोमीटर तक चल सकती है। सामान्य सड़क के किनारों पर फेंसिंग करके या दीवार बनाकर इसका ट्रैक तैयार किया जा सकेगा। इसमें ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम होगा, जिससे स्पीड लिमिट भी नियंत्रण में रहेगी।
इसमें टिकट का सिस्टम क्यूआर कोड या सामान्य मोबिलिटी कार्ड से होगा। इसके ट्रैक की चौड़ाई आठ मीटर होगी। जहां रुकेगी, वहां 1.1 मीटर का साइड प्लेटफॉर्म होगा। आईसलैंड प्लेटफॉर्म चार मीटर चौड़ाई का होगा।
एमडी, उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन जितेंद्र त्यागी ने कहा कि हमने बोर्ड में प्रस्ताव पास किया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने भी मेट्रो नियो का प्रस्ताव पास कर दिया है। अब यह केंद्र के पास है। वहां से पास होने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। काम शुरू होने के साढ़े तीन साल में दून में मेट्रो नियो का संचालन शुरू हो जाएगा।