हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी 3 अक्टूबर 2022 यानि आज है. इसे महा अष्टमी और दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन जगत जननी मां दुर्गा की आठवीं शक्ति मां महागौरी की पूजा होती हैं. देवी महागौरी के पूजन से पाप कर्म से छुटकारा मिलता है.
नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का खास महत्व होता है. इस साल महा अष्टमी पर बहुत शुभ योग बन रहा है जिसमें देवी की पूजा के दोगुना फल मिलेगा.
मां महागौरी की महिमा
वृषभ पर सवार मां महागौरी का रंग बेहद गौरा है, इसी वजह से देवी के इस स्वरूप को महागौरी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी ने कठोर तप से गौर वर्ण प्राप्त किया था. महागौरी करुणामयी, स्नेहमयी, शांत तथा मृदुल स्वभाव वाली हैं. चार भुजाओं वाली देवी महागौरी त्रिशूल और डमरू धारण करती हैं. दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती हैं. इन्हें धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माना गया है.
नवरात्रि अष्टमी 2022 मुहूर्त
नवरात्रि महा अष्टमी तिथि शुरू- 2 अक्टूबर 2022, शाम 06:47
अष्टमी तिथि समाप्त – 3 अक्टूबर 2022, शाम 04:37
सन्धि पूजा मुहूर्त – शाम 04:13 – शाम 05:01
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04.43 – सुबह 04.43
अभिजित मुहूर्त – सुबह 11.52 – दोपहर 12.39
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05.59 – शाम 06.23
अमृत काल – शाम 07.54 – रात 09.25
शोभन योग – 02 अक्टूबर 2022, शाम 05.14 – 03
अक्टूबर 2022, दोपहर 02.22
नवरात्रि अष्टमी 2022 मां महागौरी पूजा
महा अष्टमी पर घी का दीपक लगाकर देवी महागौरी का आव्हान करें और मां को रोली, मौली, अक्षत, मोगरा पुष्प अर्पित करें. इस दिन देवी को लाल चुनरी में सिक्का और बताशे रखकर जरूर चढ़ाएं इससे मां महागौरी प्रसन्न होती हैं. नारियल या नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाएं. मंत्रों का जाप करें और अंत में मां महागौरी की आरती करें. कई लोग अष्टमी पर कन्या पूजन और हवन कर व्रत का पारण करते हैं. महा अष्टमी पर देवी दुर्गा की पूजा संधि काल में बहुत लाभकारी मानी गई है.
मां महागौरी प्रिय भोग-फूल
मां महागौरी को नारियल का भोग अति प्रिय है. देवी का प्रिय फूल मोगरा माना जाता है. मान्यता है ये दो चीजें देवी को अर्पित करने पर वैवाहिक जीवन में मिठास आती है.