देहरादून। उद्योग सचिव पंकज पांडे ने शुक्रवार को मीडिया सेंटर में राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के बनाई गयी चार नई नीतियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन नीतियों का उद्देश्य है राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के साथ ही साथ रोजगार सृजन एवं राज्य की आय में वृद्धि करना।
श्री पांडे ने बताया कि राज्य हेतु नवीन स्टार्ट अप पॉलिसी लाई जा रही है। हमारा लक्ष्य है कि राज्य को स्टार्ट अप के लिहाज से टॉप 3 राज्यों में लाया जाए। इसके लिए वर्तमान में शीर्ष तीन राज्यों की स्टार्ट अप पॉलिसी का अध्ययन कर अपनी नई नीति में इनकी विशेषताओं को शामिल किया गया है। अभी तक राज्य का उद्योग विभाग ही सीधे तौर पर उस कार्य को करता था परंतु अब रही सरकार whole of government एप्रोच के साथ काम करेंगे। इसलिए नीति में सभी मुख्य विभाग शामिल किए गए हैं।
इसके तहत आगामी वर्षों में एक हजार स्टार्ट अप को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। नवीन स्टार्ट अप को आगामी एक वर्ष तक 15 हजार रुपए प्रति माह का अलावेंस दिया जाएगा। राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त होने पर स्टार्ट अप को 10 लाख तक कि सीड फंडिंग दी जाएगी। इसके अलावा सरकार ने एंजेल इन्वेस्टर नेटवर्क भी लिया हुआ है और 200 करोड़ का कैपिटल फण्ड भी रखा जाएगा और स्टार्ट अप में इक्विटी भी सरकार रखेगी।
इसके अलावा उद्योगों के लिए एक कस्टमाइज पॉलिसी भी लाई जा रही है। इसके तहत उद्योग लगाते समय 500 लोगों को रोजगार दिए जाने की शर्त रखी गई है। इसमें राज्य सरकार सुविधा दे रही है जितना भी निवेश वह उद्योग करेगा उससे अधिक को समयानुसार राज्य सरकार reimbursh भी कर सकती है। इसके अलावा सरकार उन्हें अपना निश्चय पत्र प्रदान करेगी और इन उद्योगों को लेकर जो भी अंतिम निर्णय होगा वह मुख्यमंत्री के ऊपर होगा। बड़े राज्यों के पास यह नीति पहले से ही है।
तीसरी नीति के तहत निजी क्षेत्र में औद्योगिक अस्थानो को लेकर नीति बनाई गई है। इसमें जो भी निवेशक आना चाहेगा उसमें जमीन उसकी अपनी होनी चाहिए। पर्वतीय जिलों में 2 एकड़ जबकि मैदानी इलाकों में इसमें 30 एकड़ भूमि का मानक रखा गया है। इसमें नोटिफाई होने पर यह स्वतः इंडस्ट्रियल एस्टेट में आ जायेगा और उस पर सीडा की दरें लागू होंगी। वहीं, सिंगल यूज़ प्लास्टिक के तहत केंद्र के नोटिफिकेशन के तहत जो छोटे उद्योग बंद हुए हैं उनको वैकल्पिक उधम करने का सरकार विकल्प दे रही है। इसमें पहले जो छूट इन उद्योगों को मिलती थी, यदि वह वैकल्पिक उद्योग करते हैं तो उन्हें उस पर 10 प्रतिशत का टॉप अप राशि भी सरकार देगी।